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NCERT Class 12 Political Science Chapter-4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र Question and Answer in Hindi

Class 12 Political Science Chapter 4 Question and Answer

एनसीआरटी कक्षा 12 राजनितिक विज्ञान अध्याय 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के प्रश्न उत्तर:- यह उन शक्ति के स्रोतों को संदर्भित करता है जो सरकार के बाहर मौजूद हैं और निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। सत्ता के ये वैकल्पिक केंद्र राजनीतिक दलों, दबाव समूहों, मीडिया और अन्य गैर-सरकारी संगठनों का रूप धारण कर सकते हैं। इस अध्याय के प्रश्न सरकार द्वारा किए गए राजनीतिक परिदृश्य और निर्णयों को आकार देने में सत्ता के इन वैकल्पिक केंद्रों की भूमिका और प्रभाव का पता लगा सकते हैं।

सत्ता के वैकल्पिक केंद्र पाठ्यपुस्तक के प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1.तिथि के हिसाब से इनको क्रम दें।

(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश

(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना

(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना

(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना

उत्तर:

यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना- 1970

आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना- 1967

यूरोपीय संघ की स्थापना- 1992

विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश- 2001

प्रश्न 2. ASEAN WAY या आसियान शैली क्या है ?

(क) आसियान के सदस्य देशों की जीवन शैली

(ख) आसियान सदस्यों की अनौपचारिक और सहयोग पूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है

(ग) आसियान सदस्यों की रक्षा नीति

(घ) सभी आसियान सदस्य देश को जोड़ने वाली सड़क

उत्तर: आसियान सदस्यों की अनौपचारिक और सहयोग पूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है।

प्रश्न 3.इनमें से किस ने खुले द्वार की नीति अपनाई-

(क) चीन

(ख) यूरोपीय संघ

(ग) जापान

(घ) अमेरिका

उत्तर: चीन।

खाली स्थान भरिए

1. 1992 में भारत और चीन के बीच .......... और ......... को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।

2. आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में ............ और ......... करना शामिल है।

3. चीन ने 1972 ......... के साथ दो तरफा संबंध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।

4. ......... योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई।

5. ........... आसियान का एक स्तंभ है; जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले को देखता है।

उत्तर:

1992 में भारत और चीन के बीच अरुणाचल और लद्दाख को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।

आसियान क्षेत्रीय मंच के कार्यों में आसियान के देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल करना शामिल है।

चीन ने 1972 में अमेरिका के साथ दो तरफा संबंध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।

मार्शल योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई।

सुरक्षा समुदाय आसियान का एक स्थान है जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले को देखता है।

प्रश्न: क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के क्या उद्देश्य है ?

उत्तर:- अंतर क्षेत्रीय समस्याओं का क्षेत्र स्तर पर हल ढूंढना- क्षेत्रीय संगठन अंतर क्षेत्रीय समस्याओं का क्षेत्रीय स्तर पर हल ढूंढने में अन्य संगठनों की उपेक्षा अधिक कामयाब हो सकते हैं। यदि किसी क्षेत्र में दो रास्त्रो के बिच कोई विवाद होता है तो क्षेत्रीय संगठन सदस्य देशों को आपसी विवाद का हल ढूंढने में सफल रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य को सुगम करना-अगर छोटी-छोटी समस्याओं को क्षेत्रीय संगठनों द्वारा समाधान क्षेत्रीय स्तर पर लिया गया जाए तो UNO का कार्य का बोझ कम हो जाएगा और वह बड़ी अंतरराष्ट्रीय समस्या के समाधान में अपना समय लगा सकेगा।

बाहरी हस्तक्षेप का डटकर मुकाबला करना-आमतौर पर ऐसे संगठन यह प्रावधान रखते हैं कि अगर किसी सदस्य देश पर बाहरी हस्तक्षेप होगा तो बाकी सदस्य देश उसकी सहायता करेंगे।

क्षेत्रीय सहयोग एवं एकता की स्थापना-क्षेत्रीय संगठनों में आपसी सहयोग की भावना एवं एकता स्थापित होती है क्षेत्र के विभिन्न देश क्षेत्रीय संगठन बनाकर आपस में राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग कर लाभ उठा सकते हैं। अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक शांतिपूर्ण एवं सहकारी क्षेत्र व्यवस्था विकसित करने की कोशिश कर सकते हैं।

प्रश्न: भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर क्या क्या असर होता है ?

उत्तर:-

  • भौगोलिक निकटता के कारण क्षेत्र विशेष में आने वाले देशों में संगठन की भावना विकसित होती है।
  • सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था करके कम धन्य होता है और बचे हुए धन का उपयोग अपने अपने देश के विकास में कर सकते हैं।
  • भौगोलिक निकटता के कारण क्षेत्र विशेष में आने वाले देशों के संगठन की भावना विकसित होती है।

प्रश्न: आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें क्या है ?

आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसके विजन दस्तावेज 2020 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आसियान को एक बहुमुखी भूमिका को प्रमुखता दी गई है।

इसके मुख्य बातें निम्नलिखित है -

आसियान विजन 2020 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहुमुखी व्यवस्था को प्रमुखता दी गई।

आसियान द्वारा टकराव की जगह बातचीत द्वारा समस्याओं के हल निकालने को महत्व देना इस नीति में आशियान ने कंबोडिया के टकराव एवं पूर्व के संकट को संभाला है।

आसियान की असली ताकत अपने सदस्य देशों से बाकी देशों और बाकी गैर क्षेत्रीय संगठनों के बीच निरंतर संवाद और परामर्श करने की नीति में है।

आसियान एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियाई देशों और विश्व शक्तियों को राजनीतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा करने के लिए मंत्र उपलब्ध करवाता है।

एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश मामलों की ओर ध्यान देना।

नियमित रूप से वार्षिक बैठक का आयोजन करना।

प्रश्न: आसियान समुदाय के मुख्य स्तंभो और उनके उद्देश्यों के बारे में लिखिए।

उत्तर:-

आसियान सुरक्षा समुदाय-यह क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक नए ले जाने की सहमति पर आधारित है इस स्तंभ के उद्देश्य में सम्मिलित है-आसियान सदस्य देश में शांति, निष्पक्षता, सहयोग तथा अहस्तक्षेप को बढ़ावा देना।

आसियान आर्थिक समुदाय-आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायता करना है। यह संगठन इस क्षेत्र के देशों के आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए अपनी व्यवस्था को भी सुधारना है।

सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय

आसियान का यह समुदाय विकसित देशों में शैक्षिक विकास, समाज कल्याण जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ सदस्य देशों के बीच सामाजिक एवं सांस्कृतिक विचारधारा का प्रचार प्रसार कर के संवादों और लिए रास्ता तैयार करता है।

प्रश्न: आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस तरह से अलग है?

उत्तर-

आज की चीनी अर्थव्यवस्था पहले की नियंत्रित अर्थव्यवस्था से अलग है इसको निम्न बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है-

आर्थिक सुधारों हेतु खुले द्वार की नीति- चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में नीतिगत निर्णय लिए। चीन ने सन 1972 में अमेरिका से संबंध स्थापित करके अपने राजनीतिक और आर्थिक एकांत वाद को समाप्त किया। सन 1978 में तत्कालीन नेता देंग श्याओपेंग चीन में आर्थिक सुधारों और खुले द्वार की नीति की घोषणा की। अब नीति यह हो गई है कि और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाए। बाजार मुल्क अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन अपना तरीका अपनाया।

खेती और उद्योगों का निजीकरण- चीन ने शोक थेरेपी को अपनाने के स्थान पर अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला। सन 1982 में खेती का निजीकरण किया गया और उसके पश्चात सन 1998 में उद्योगों के व्यापार संबंधी अवरोधों को केवल विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए ही हटाया गया; जहां विदेशी निवेशक अपने उधम लगा सकते हैं।

कृषि और उद्योग दोनों का विकास- आज की चीनी अर्थव्यवस्था को जड़ता से उभरने का अवसर मिला है। कृषि के निजीकरण के कारण कृषि उत्पादों तथा ग्रामीण आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उद्योग और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तेज रही।

विश्व व्यापार संगठन में शामिल- राज्य द्वारा नियंत्रित अर्थव्यवस्था वाला देश चीन आज पूरे विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे आकर्षक देश बनकर उभरा है। चीन के पास विदेशी मुद्रा का विशाल भंडार है और इसके दम पर चीन दूसरे देशों में निवेश कर रहा है। चीन सन 2001 में विश्व व्यापार संगठन में भी शामिल हो गया। अब चीन की योजना विश्व आर्थिकी से अपने जुड़ाव को और गहरा करके भविष्य की विश्व व्यवस्था को एक मनचाहा रूप देने की है।

परंतु क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चीन एक ऐसी जबरदस्त आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है कि सभी उसका लोहा मानने लगे हैं। इसी स्थिति के कारण जापान, अमेरिका और आसियान तथा अन्य सभी व्यापार के आगे चीन से बाकी विवादों को भुला चुके हैं।

प्रश्न: किस तरह यूरोपीय देशों ने युद्ध के बाद की अपनी परेशानियां सुलझाए? संक्षेप में उन कदमों की चर्चा करें जिन से होते हुए यूरोपीय संघ की स्थापना हुई?

उत्तर:- जब दूसरा विश्व समाप्त हुआ तब यूरोप के नेता यूरोप की समस्याओं को लेकर काफी परेशान रहे. दूसरे विश्व युद्ध में उन अनेक मान्यताओं और व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया जिसके आधार पर यूरोपीय देशों के आपसी संबंध बने थे. सन 1945 तक यूरोपीय देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था की बर्बादी तो झेली ही साथ ही उन मान्यताओं और व्यवस्थाओं को ध्वस्त होते हुए भी देख लिया, जिस पर यूरोप खड़ा था।

शीतयुद्ध से सहायता- सन 1945 के पश्चात यूरोप के देशों में मेल-मिलाप को शीत युद्ध के प्रारंभ होने से सहायता प्राप्त हुई।

मार्शल योजना से अर्थव्यवस्था का पुनर्गठन- संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए बहुत अधिक सहायता प्रदान की। इसे मार्शल योजना के नाम से जाना जाता है।

सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था का जन्म- संयुक्त राज्य अमेरिका ने अप्रैल 1949 में स्थापित उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के तहत एक सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को जन्म दिया।

यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना- मार्शल योजना के तहत सन 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई। इसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद दी गई। यह एक ऐसा मंच बन गया; जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक दूसरे की मदद शुरू की।

यूरोपीय परिषद का गठन - सन 1949 में गठित यूरोपीय परिषद राजनीतिक सहयोग के मामले में एक अगला कदम साबित हुआ।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न: सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करने में सत्ता के वैकल्पिक केंद्रों की क्या भूमिका है?

उत्तर: सत्ता के वैकल्पिक केंद्र राजनीतिक दलों, दबाव समूहों, मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों के रूप में निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न: विश्व व्यापार संगठन, यूरोपीय आर्थिक समुदाय, यूरोपीय संघ और आसियान की स्थापना का समय क्रमानुसार बताइए।

उत्तर: यूरोपीय आर्थिक समुदाय (1970), आसियान (1967), यूरोपीय संघ (1992), विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश (2001)।

प्रश्न: 'आसियान वे' (ASEAN WAY) शब्द को एक लाइन में समझाइए।

उत्तर: आसियान सदस्यों की अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली को आसियान वे कहा जाता है।

प्रश्न: क्षेत्रीय संगठनों के गठन के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर: अंतर-क्षेत्रीय समस्याओं का क्षेत्रीय स्तर पर समाधान करना, संयुक्त राष्ट्र के कार्यभार को कम करना, बाहरी हस्तक्षेप का मुकाबला करना और क्षेत्रीय सहयोग एवं एकता स्थापित करना।

प्रश्न: आसियान विजन 2020 दस्तावेज के प्रमुख बिंदु क्या थे?

उत्तर: अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आसियान की बहुमुखी भूमिका, टकरावों के बजाय बातचीत द्वारा समस्याओं का समाधान, सदस्य देशों और गैर-क्षेत्रीय संगठनों के साथ निरंतर संवाद।

प्रश्न: आसियान समुदाय के तीन प्रमुख स्तंभ और उनके उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर: आसियान सुरक्षा समुदाय (शांति, निष्पक्षता और सहयोग को बढ़ावा देना), आसियान आर्थिक समुदाय (साझा बाजार और उत्पादन आधार बनाना), सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय (शैक्षिक विकास और सांस्कृतिक विचारधारा का प्रचार-प्रसार)।

प्रश्न: चीन की वर्तमान अर्थव्यवस्था उसकी पूर्व की नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस प्रकार अलग है?

उत्तर: खुले द्वार की नीति, कृषि और उद्योगों का निजीकरण, कृषि और उद्योग दोनों का विकास, विश्व व्यापार संगठन में सदस्यता आदि के कारण।

प्रश्न: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय देशों द्वारा उठाए गए उन कदमों को संक्षेप में बताइए जिससे यूरोपीय संघ का गठन हुआ।

उत्तर: शीतयुद्ध की स्थिति से मेल-मिलाप को बल मिला, मार्शल योजना से अर्थव्यवस्था का पुनर्गठन, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन द्वारा सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था, यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन और यूरोपीय परिषद का गठन।

प्रश्न: यूरोप की आर्थिक पुनर्गठन में मार्शल योजना का क्या महत्व था?

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका ने मार्शल योजना के तहत यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए बहुत अधिक सहायता प्रदान की।

प्रश्न: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के गठन से यूरोप में सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को कैसे मदद मिली?

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका ने अप्रैल 1949 में नाटो की स्थापना करके यूरोप में एक सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को जन्म दिया।

प्रश्न: युद्धोत्तर काल में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की क्या भूमिका थी?

उत्तर: मार्शल योजना के तहत 1948 में स्थापित यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन के माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक सहायता दी गई। यह एक मंच बन गया जिसके जरिए देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक-दूसरे की मदद शुरू की।

प्रश्न: यूरोपीय देशों के बीच राजनीतिक सहयोग बढ़ाने में यूरोपीय परिषद की क्या भूमिका थी?

उत्तर: 1949 में गठित यूरोपीय परिषद ने यूरोपीय देशों के बीच राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न: आसियान के सदस्य देशों के बीच सहयोग और एकता को प्रोत्साहित करने में आसियान 'शैली' की क्या भूमिका है?

उत्तर: आसियान 'शैली' यानी आसियान सदस्यों की अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली, सदस्य देशों के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देती है।

प्रश्न: क्षेत्रीय संगठनों में क्या लाभ है कि उनसे बाहरी हस्तक्षेप का मुकाबला करना आसान होता है?

उत्तर: क्षेत्रीय संगठन आमतौर पर यह प्रावधान रखते हैं कि अगर किसी सदस्य देश पर बाहरी हस्तक्षेप होगा तो बाकी सदस्य देश उसकी सहायता करेंगे।

प्रश्न: चीन की 'खुले द्वार की नीति' से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: 'खुले द्वार की नीति' का तात्पर्य था कि विदेशी निवेश और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करके उच्च उत्पादकता प्राप्त की जाए।

प्रश्न: यूरोपीय संघ के गठन की प्रक्रिया में राजनीतिक और आर्थिक सहयोग कैसे एक साथ आगे बढ़ा?

उत्तर: यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन के माध्यम से आर्थिक सहयोग बढ़ा, जबकि यूरोपीय परिषद ने राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा दिया।

प्रश्न: अरुणाचल और लद्दाख किस प्रकार भारत-चीन सीमा विवाद के कारण हैं?

उत्तर: 1992 में भारत और चीन के बीच अरुणाचल और लद्दाख क्षेत्रों को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।

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